Tata Motors ने किया हरित ऊर्जा पर फोकस, ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जीरो करने के टारगेट!

Tata Motors: गुजरे कुछ सालों में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी इजाफा देखने को मिला है। जिसकी वजह से जलवायु परिवर्तन नजर आ रहा है। वहीं इससे पर्यावरण को पहुंच रही हानि ने जीवों के साथ-साथ मनुष्य की जीवनशैली को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। अब Tata Motors ने किया हरित ऊर्जा पर फोकस किया है।

Tata Motors का ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जीरो करने के टारगेट

भारत की दिग्गज कंपनी Tata Motors ने अपने बयान में कहा है कि, अगले 2 दशकों में वह ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जीरो करने के टारगेट पर काम कर रही है। इसके लिए वह इलेक्ट्रिक के साथ साथ हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नोलॉजी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।

Tata Motors के कार्यकारी निदेशक ने ये कहा

टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ (Girish Wagh, Executive Director, Tata Motors) ने अपने बयान में कहा है कि, टाटा मोटर्स 2045 तक शून्य उत्सर्जन करने के लिये प्रतिबद्ध है। अपना टारगेट हासिल करने के लिए टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नोलॉजी के प्रयोग के साथ ही कई दूसरी टेक्नोलॉजी पर भी अपना फोकस कर रही है।

गिरीश वाघ ने जनाकारी देते हुए कहा है कि, वह कॉमर्शियल व्हीकल कारोबार में सालाना 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करना जारी रखेगी। उन्होंने आगे कहा कि अपने पूरे पोर्टफोलियो के लिए शून्य-उत्सर्जन वाहन टेक्नोलॉजी की दिशा में भी ध्यान केंद्रित करना होगा।

शून्य-उत्सर्जन टेक्नोलॉजी पर आगे बढ़ रहे

वाघ ने आगे कहा कि आज अगर आप देखें तो हमारे पास पांच स्थानों पर 5 प्लांट हैं जहां हमारे पास कॉमर्शियल व्हीकल प्लांट मौजूद हैं। दो स्थानों पर हमारे पास पैसेंजर व्हीकल प्लांट स्थापित हैं। हम ज्यादातर सुविधाओं को धीरे-धीरे शून्य-उत्सर्जन टेक्नोलॉजी पर आधारित करने की ओर आगे बढ़ते जा रहे हैं. ये सुविधाएं स्थानांतरित होनी शुरू हो भी हो जाएगी।

झारखंड सरकार के साथ समझौता!

उन्होंने अपने बयान में बताया कि टेक्नोलॉजी में बैटरी इलेक्ट्रिक, ईंधन में हाइड्रोजन शामिल किया गया है, जिसका उपयोग इन दो टेक्नोलॉजी में हो सकता है, चाहे वह इंटरनल इंजन हो या फिर फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक हो। इसके एक हिस्से के रूप में हम वास्तव में अपने प्रोडक्ट्स पर इन सभी टेक्नोलॉजी पर फोकस कर रहे हैं। इसके तहत  मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर झारखंड सरकार के साथ एक समझौता भी किया है।

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