अनोखी दुनिया की सैर: “लाश के साथ वर्षों तक रहते हैं यहां के Tribe , रोज करते हैं दावत!” 

अनोखी दुनिया की सैर: इस आर्टिकल के द्वारा आज हम एक अनोखी दुनिया की सैर पर चलते हैं। इस सैर पर आप ऐसी बातें जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। दरअसल, दुनियाभर में अधिकतर लोग संबंधियों और रिश्तेदारों की मौत के बाद या तो उनके शव को जला देते हैं, या फिर उनके शव को दफना दिया करते हैं।

अनोखी दुनिया की सैर
अनोखी दुनिया की सैर

वहीं इस अनोखी दुनिया की सैर पर हम बताने वाले हैं कि इस दुनिया में कुछ जगह पर ऐसी परंपराएं भी हैं, जिनमे लोग अपनों की मृत्यु के बाद उनके शव को वर्षों तक अपने साथ रखते हैं, और साथ में रहते हैं। इसमे सबसे बड़ी बात ये है कि लोग इन शवों का ख्याल बिल्कुल ऐसे रखते हैं कि, जैसे किसी बीमार व्यक्ति का रखा जाता है। यहां तक कि ये लोग हर रोज उन शवों के लिए खाना भी खिलाने के लिये ले जाते हैं।

अनोखी दुनिया की सैर: कौन हैं Tribe

यहां पर हम जिन लोगों की बात कर रहे हैं, वो इंडोनेशिया की एक खास ट्राइब (Tribe) है जो सुलावेसी इलाके में तोरजा नाम की एक जगह पर निवास करते है। ये लोग अपने रिश्तेदारों  और संबंधियों की मृत्यु हो जाने के बाद उनके साथ वर्षों तक एक ही घर में रहते हैं। इस अनोखी दुनिया में ऐसी परंपरा और कल्चर सिर्फ यहीं देखने को मिलता है। अगर आप इन लोगों के घर पर मेहमान बन कर पहुंचेंगे तो, आपको भी उन मृतकों के कमरे में जाकर मृतक का हाल चाल पूछना पड़ेगा।

अनोखी दुनिया की सैर: जीवित और मृतकों का अजीबोगरीब संबंध “Tribe”

जब ट्राइब के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो ये लोग उसके शव को ममी के रूप में ढाल लेते हैं फिर उसके बाद एक लकड़ी के ताबूत में रख कर उसे घर के लिविंग रूम में रखवा दिया करते हैं। इसके बाद पूरा परिवार दिनभर में एक बार उस शव के पास आता जाता रहता है, और जिसके जरिये इस तरह उस मृतक का हालचाल पूछा जाता है, जैसे कि किसी बीमार का पूछा जाता है।

अनोखी दुनिया की सैर
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यहां ये बात बताना जरूरी है कि इस ताबूत को बहुत सजा ये लोग रखते हैं। इसके साथ ही मृतक के शव की देख रेख और सेवा लिए हर तरह की व्यवस्था होती है। इसके साथ ही इस इलाके के कुछ घरों में आपको 15 से 20 वर्ष पुराने शव भी नजर आ जाएंगे, जो आज भी इन लोगों ने अपने घरों में रखे हुए हैं।

अनोखी दुनिया की सैर: ट्राइब की अद्भुत और अजीबोगरीब शव संरक्षण प्रथा

ट्राइब की ये बहुत पुरानी परंपरा है, आज से नहीं बल्कि सदियों से ये लोग ऐसा करते चले आ रहे हैं। इस ट्राइब की माने तो अगर घर का मुखिया मर जाए तो उसे तुरंत घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए, बल्कि उस मृतक की देखभाल एक बीमार व्यक्ति के तौर पर करनी चाहिये। यहां के ट्राइब का मानना है कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे, तो उनको पूर्वजों का श्राप उनको लग सकता है। इस श्राप से पूरे समुदाय के सामने काफी मुश्किलें सामने आ सकती है।

अनोखी दुनिया की सैर: ट्राइब शवों को कैसे रखते हैं सुरक्षित

इस ट्राइब के लोग शवों को सुरक्षित रखने के लिए शव को फार्मलिन का इंजेक्शन लगाते हैं, जिससे शव सड़ता नहीं है। उसके बाद ये लोग उसके शव को ममी के रूप में ढाल लेते हैं फिर उसके बाद एक लकड़ी के ताबूत में रख कर उसे घर के लिविंग रूम में रखवा दिया करते हैं।

 

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